विश्व स्वस्थ संगठन ने 2017 में चाँदीपुरा वायरस को संभावित प्राथमिकता वाली बीमारी के रूप में मान्यता दी थी।चाँदीपुरा वायरस बरसाती मौसम में सबसे अधिक मच्छर की लार बरसाती कीट ,पंखी,,से फैलता है। चाँदीपुरा वायरस का सर्वाधिक शिकार 15 साल की कम उम्र के बच्चे होते है। जब बारिश के मौसम में कोई कीड़ा ,मच्छर काट लेता है जिससे उसकी लार में उपस्थित वायरस बच्चो के शरीर में पहुंच जाता है जो सीधा प्रभाव बच्चो के नर्वज पर करता है। जिसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। और दिमाग में सूजन आ जाती है।
चाँदीपुरा वायरस क्या है ?
चाँदीपुरा वायरस रबडोवीरीडे का एक जातक वायरस है। जिसमे मच्छर कीट पंखी भी इनका मुख्य कारक है। तथा
रेबीज की कारण बनने वाले लाइसावायरस की छोटे छोटे कीटाणु भी मौजूद है जो सीधे मनुष्य को काट कर दिमाग में सूजन को पैदा करते है।
चांदीपुर वायरस लक्षण को जानते है
एक माँ के लिए अपने बच्चे की जान से प्यारा कुछ नहीं होता है बच्चा चाहे छोटा हो या बड़ा माँ अपने बच्चे की लिए सब कुछ करती है। यह वयरस सीधा आपके बच्चे की जान से खेलता है जिसके लक्षण जानना बहुत आवश्यक है।
तेज बुखार –
आपके बच्चे को तेज बुखार आ सकता है। उससे इस समय सामन्य बुखार समझ कर अनदेखा न करे यह चांदीपुर वायरस का लक्षण हो सकता है
बुखार में उल्टी –
यदि आपको या आपके बच्चे को तेज बुखार की साथ साथ उल्टी भी हो रही है उसमे कुछ खून की कर्ण भी है तो आप उसे बिल्कुल भी अनदेखा न करे। और सीधे अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करे।
तेज रौशनी की समस्या –
अगर आपको तेज रौशनी से आँखों में चुभन हो रही है आँखों से पानी आ रहा है तो यह भी लक्षण है की चाँदीपुरा वायरस से प्रभाबित है
तेज सिर में दर्द –
बुखार की साथ तेज सिर दर्द होना गर्दन में दर्द होना भी इस वायरस से प्रभावित होने का लक्षण है जिसे माँ को बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
दौरे पड़ना –
दौरे पड़ना भी एक प्रमुख्य लक्षण है यदि आपको कभी ऐसे कोई परेशानी नहीं थी और बुखार की साथ साथ आपको अचानक से दौरे पड़ रहे है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
शरीर पर लाल निशान
यदि एक दम से शरीर पर लाल लाल निशान दिखाई दें रहे है तो उसे बिल्कुल भी अनदेखा न करे और डॉक्टर से संपर्क करे।
क्या भी चाँदीपुरा वायरस से पीड़ित हो गए है तो तुरंत करे यह उपाय
यदि आप या ऍकर परिवार में कोई भी इस वायरस से ग्रसित हो गया है तो आप बिल्कुल भी लापरवाही न करे। यह वायरस सबसे ज्यादा बच्चो को प्रभाबित कर रहा है। अपनी बॉडी को हाइड्रेट रखे। ध्यान दें की बुखार बढ़ न पाए विशेषज्ञों से माध्यम से ज्ञात हुआ है की इस वायरस की अभी कोई विशेष दवा और वैक्सीन नहीं बनी है इसलिए सरल शव्दो में अपनी सुरक्षा अपने हाथ
चाँदीपुरा वायरस का कहर –
चाँदीपुरा वायरस का सबसे पहला केस 1965 में पाया गया था। तथा विशेषज्ञों की अनुसार 2003 -04 में यह दर 56 -75 % थी अर्थात हम कह सकते है कि आधे से अधिक लोगो की मौत। आज जुलाई 2024 में इसका सबसे ज्यादा कहर गुजरात शहर में है जहाँ 50000 से ज्यादा केस देखने को मिल चुके है।
चाँदीपुरा वायरस से वचाब हमारी जान बचा सकते है –
जी हाँ अभी तक इस वायरस की कोई दवा या वैक्सीन नहीं आई है। इसलिए आपकी सुरक्षा आपके हाथ। जान है तो जीवन है।
इस कथन की सत्यता पर आप अपनी अपने बच्चो को हायजीन रखे।
कुछ विशेष बातो को ध्यान में रख कर आप इस वायरस से बच सकते है
हाथ धोने की आदत –
जब भी आपके बच्चे खाना खाये हमेशा हाथ धो कर खाया खाये कुछ भी खाने पीने से पहले आप हाथो को अछि तरह धो ले
गंदे पानी से बचाव –
ध्यान दें आपका बच्चा कही भी गंदे पानी में ना जाये -जहाँ पानी का जलभराब है वहाँ बच्चे ना खेले। ना नंगे पैर ना ही किसी वाहन से।
पूरे कपड़े पहनना –
अपने बच्चे को इस मौसम में हमेशा पूरी आस्तीन कि कपड़े पहना कर रखे। जिससे उसे कोई भी मच्छर कीड़ा ना कटे
नमक तेल का मिश्रण –
यदि कभी आपको या आपके बच्चे को कोई मच्छर काट ले तो उस पर तुरंत नमक और सरसो के तेल का मिश्रण लगा दें जिससे उसका जहर तुरंत कट जायेगा
पालतू जानबरो से भी दूरी बनाये –
चाँदीपुरा वायरस पालतू जानवरो से भी फैलता है। इसलिए उसकी देखभाल करते समय अपनी देखभाल करना ना भूले जानबरो को बच्चो के पास और बच्चो के बिस्तर पर बिल्कुल ना आने दे।
हम आशा करते है कि चांदीपुर वायरस संक्रमण पूरा ब्लॉग पड़ें के बाद आपको अपने सभी प्रश्नो के उत्तर मिल गए होंगे। यदि फिर भी आप चांदीपुर वायरस के बारे में कुछ जाना या पूछना चाहते हो आप हमे कोनेंट्स करे। हम आपके प्रश्नो का उत्तर जरूर देंगे।
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