9 माह में उपरांत जब माँ -पिता का सपना पूरा होता है। एक शिशु एक नन्ही सी जान आपके घर आती है। उस समय माँ का भी नया जीवन होता है। परिवार को चाहिए की वह शिशु की देखभाल के साथ माँ का भी ध्यान रखे। सिजेरियन और नार्मल डिलीवरी के बाद माँ का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है। अतः आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से 12 प्रमुख बिंदु पर चर्चा करेंगे। जिससे माँ का शारीरिक व मानसिक रूप से ध्यान रख सकते है।
सीजेरियन सेक्शन
यदि आपका सिजेरियन सेक्शन हुआ है , तो आपको ठीक होने में थोड़ा अधिक समय लग सकता है। यह संभावना है कि आपका डॉक्टर आपको अधिक मजबूत दर्द निवारक दवा के पर्चे के साथ घर भेज सकता है। यहदेखा जाता है कि आप पहले 6 सप्ताह तक ड्राइव न करें इसका मतलब यह हो सकता है कि आपको परिवार और दोस्तों से अतिरिक्त सहायता मांगनी चाहिए। बच्चे को स्तनपान कराने के लिए बीएड पर बैठे ,आमतौर पर, आपके सिजेरियन चीरे में घुलनशील टांके होंगे, लेकिन हमेशा नहीं। अपने देखभाल प्रदाता की सलाह का पालन करना सबसे अच्छा हैजब तक अन्यथा निर्देश न दिया जाए, आमतौर पर उस क्षेत्र को गर्म पानी में नहलाना और थपथपाना ठीक है। आपके निशान का कुछ हफ्तों तक कोमल होना सामान्य है। लेकिन अगर क्षेत्र अधिक दर्दनाक, सूजा हुआ (लाल) या रिसने लगा, या अगर टांके ऐसे लगें कि वे अलग हो रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करे।
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शारीरिक प्रतिकिर्या कम करे –
माँ को चाहिए वह शारीरिक रूप से काम को कम से कम करे। उसके टाँके अभी कच्चे है घाब पूर्ण रूप से भरे नहीं है। माँ को चाहिए जब आपका बच्चा सो रहा हो। उस समय आप भी अपनी नींद पूरी करे। देखा जाता है बच्चा रात के समय में जगता है। जिससे माँ की नींद पूरी नहीं होती है। जिस कारण से माँ भी थक जाती है।
भारी सामान न उठाये –
माँ को चाहिए की वह कोई भी भारी सामान न उठाये। कोई भी ऐसा कार्य है जिसमे आपको बजन उठाना है। तो किसी की सहायता ले। मुख्य रूप से अगर आपका सिजेरियन हुआ है तो विशेष रूप से अपना ध्यान रखे।
दवाई समय पर ले –
माँ को चाहिए की वह अपनी दवाईयां समय पर ले। समय पर दवाई लेने से आपके घाब जल्दी भरेंगे।
पानी के काम बचे – माँ को चाहिए की वह कम से कम पानी सा काम करे। अगर आपका शिशु सर्दी के मौसम में हुआ है तो विशेष रूप से ध्यान दे। अगर आपकी तबियत खराब हो गयी, तो बच्चा भी बीमार हो सकता है
हाईजीन रखे –
हाइजीन रखे अर्थात माँ को चाहिए वह अपने हाथो को हमेशा साफ़ रखे। हमेशा साफ़ कपड़े पहने। अगर आपके बच्चे से पॉटी कर ली है तो उसे साफ़ कर अपने भी कपड़ो को चेंज करे।
ऑफिस से छुट्टी –
माँ को चाहिए की वह शुरुआती दिनों में ऑफिस वर्क न करे। जो आपकी शारीरिक व मानसिक दोनों स्वस्थ पर प्रभाब डालता है
कुर्सी पर न बैठे।
माँ को चाहिए वह ज्यादा से ज्यादा आराम करे जिससे उसके टांको पर कम खिंचाब पड़े। कुर्सी या सोफे पर बैठने से बचे सोफे पर बैठने से उसके पेट पर जोर पड़ेगा जिससे आपके टांको में परेशानी हो सकती है।
नार्मल डिलीवरी-
नार्मल डिलीवरी में भी माँ का उतना ध्यान रखा जाता है। जितना सिजेरियन में। यह गलत धरणा है की नार्मल डिलीवरी में माँ जल्दी काम कर सकती है। नार्मल डिलीवरी में भी माँ को निचे की और टाँके एते है जिसमे माँ का बहुत डज्यां रखना चाहिए। उसकी योनि में टाँके आने के कारण उसके टांको में सूजन उसमे संकुचन। बहुत बातो को ध्यान रखना चाहिए।
योनि के टाँके
माँ को चाहिए वह इस बात का विशेष रूप से ध्यान दे की उसके टाँके हील हो रहे है की नहीं। उसके टाँके में से खून या पस तो नहीं निकल रहा है।
योनि का हमेशा साफ़ रखना।
माँ को चाहिए वह अपनी योनि को हमेशा साफ़ रखे डिलीवरी के बाद माँ को अधिक पेशाब आती है। जिसमे माँ को हमेशा सफाई का ध्यान देना आवश्यक है।
पौष्टिक आहार
माँ को चाहिए वह अपने आहार में कम मिर्च मसलो को सेबन करे। जिससे आपको टांको में दिक्क्त न हो। पौष्टिक आहार लेने से माँ दूध अच्छा बनेगा जो आपके बच्चे के लिऐ बहुत गुणकारी है
अपनी ब्रैस्ट का ध्यान रखना –
माँ को चाहिए वह अपने ब्रैस्ट का ध्यान रखे। अपनी निप्पल्स को हमेशा क्लीन रखे जिससे बच्चे को कोई इंफेक्शन न हो। कभी कभी दूध पीते पर बच्चे निप्पल को कट कर देता है जिससे माँ को बहुत अधिक पीड़ा होती है लेकिन आपको बिना डॉक्टर के पूछे कोई भी क्रीम या अन्य दवा नहीं लगानी है
ब्रा का सही साइज़ चुने
-माँ चाहिए जब आपका शिशु स्तनपान कर रहा है उस समय आपका ब्रा साइज चेंज हो जाता है शरीर भी भारी पद जाता है जिसमे माँ को अपनी ब्रा साइज का ध्यान रखना आवश्यक है
पानी की कमी न होने दे –
माँ को चाहिए की वह भरपूण मात्रा में पानी पिए और हलके गर्म पानी का सेवन करे। जो आपको पीरियड्स में मदत करता है पेट के अच्छे से सफाई करता है