बारिश का मौसम बहुत सुहाना होता है बच्चो और बड़ो दोनों को बहुत पसंद होता है। नयी फसल ,सीजन के फल ,नए पेड़ पौधे ,सभी के लिए बारिश का मौसम बहुत खास और उपयोगी होता है। लेकिन इन सबके बीच हमे अपने छोटे बच्चो का बहुत ध्यान रखना आवश्यक है। क्या आपका बच्चा भी बारिश के मौसम में बीमार पद जाता है। ऐसा क्यों होता है की कभी बहुत तेज फीवर होता जाता है। और कभी इक दम से ठंडा। बच्चो को बारिश के मौसम में सर्दी गर्मी होने से खासी जुखाम बहुत जल्दी जल्दी होता है। आइये इस विषय को पूर्णरूप से समझते है। जो एक नयी माँ के लिए जानना बहुत आवश्यक है।
फीवर क्या होता है।(MEANING OF FIVER)
जब HUMAN BODY का तापमान नार्मल तापमान से अधिक हो जाता है। उस अवस्था में हमे घवराहट होती है बॉडी गर्म होती है। अगर ठण्ड लग कर फीवर आया है तो उस अवस्था में बहुत तेज ठण्ड लगती है। जिसे जाड़ा लगना कहते है
NORMAL TEMPRATURE OF BODY -(37°C)
MEDICAL TEMPTATURE OF BODY (-98.6°F)-100.4°F
बारिश के मौसम में फीवर आने के कारण –
बारिश का मौसम कभी गर्म तो कभी बहुत ठण्ड हो जाता है। बच्चो का इम्युनिटी सिस्टम बहुत कमजोर होने के कारण बच्चो को बहुत जल्दी ठण्ड लग जाती है। ठंडी गर्म हवा बच्चो के लिए बहुत नुकसानदायक होती है।
जीवाणु का नमी स्थान पर पनपना –
अपने देखा होगा कि बारिश के मौसम में आपके घर में हमेशा नमी सी बनी रहती है। जिसमे जीवाणु बहुत जल्दी पनपते है। जिस वजह से बच्चो को फ्लू ,निमोनिया मलेरिया ,बहुत जल्दी फैलता है।
बातावरण का अनुकूल न होना –
बारिश के मौसम में बातावरण बच्चो के अनुकूल नहीं होता। जिस कारन बहुत जल्दी फीवर आ जाता है।
माँ का अस्वस्थ होना –
माँ को चाहिए कि 6 माह तक बच्चे को स्तनपान कराये ,जिसमे माँ को चाहिए कि दौरान माँ अपना भी ध्यान रखे ज्यादा बारिश में न भीगे ,मौसम ठंडा होने पर पानी का काम ज्यादा न करे।
बरसाती फीवर कितने दिन तकरहटा है ?
बारिश के मौसम में बच्चो को अचानक से फीवर आ जाता है। जो बदलते मौसम के कारण आता है। इस मौसम में फ्लू वाइरल चलने के कारण 3 से 4 दिन तक बुखा रहता है
यदि आपका बच्चा डेंगू बुखार से ग्रसित है तो 10 दिन का समय लगता है। बाकि आपके इम्युनिटी सिस्टम पर भी निर्भर करता है।
बरसाती फीवर कितने दिन तकरहटा है ?
बारिश के मौसम में बच्चो को अचानक से फीवर आ जाता है। जो बदलते मौसम के कारण आता है। इस मौसम में फ्लू वाइरल चलने के कारण 3 से 4 दिन तक बुखा रpहता है
यदि आपका बच्चा डेंगू बुखार से ग्रसित है तो 10 दिन का समय लगता है। बाकि आप
के इम्युनिटी सिस्टम पर भी निर्भर करता है
कैसे जाने आपके छोटे बच्चे को बुखार आया है।
बच्चे को बुखार आने पर माँ कैसे जाने की उसके बच्चे को बुखार है ,आपका बच्चा अभी बहुत छोटा है वह कुछ कह नहीं सकता इसमें माँ को चाहिए की वह अपने बच्चे से भाबात्मक रूप से जुडी हो जिससे उसे ज्ञात हो सके कि बच्चे को क्या परेशानी है।
आइये कुछ तथ्यों को समझते है।
अगर आपका बच्चा ०-6 माह का है –
यदि आपका शिशु 6 माह का है 6 माह का बच्चा कुछ नहीं कह सकता इसमें माँ को उसकी हरकते देख कर समझना पड़ेगा
0 -6 माह का बच्चा
शरीर का तापमान देख कर –
आप बच्चा का शरीर तापमान चेक कर जान सकते है कि आपके बच्चे को बुखार है कि नहीं
बच्चे का तापमान मापने के लिए थर्मामीटर को बच्चे की बगल में लगाना चाहिए।
अगर बच्चा स्तनपान या ऊपर का दूध नहीं पी रहा –
अगर आपके बच्चे ने आचनक से स्तनपान छोड दिया है माँ के दूध देने पर भी बच्चा दूध नहीं पी रहा है तो यह भी मुख्य लक्ष्ण है कि आपका बच्चा अस्वस्थ है।
चिड़चिड़ा होना –
यदि आपका बच्चा चिड़चिड़ा हो गया है किसी कि गोदी नहीं जा रहा है। मुस्करहा नहीं रहा यह भी वजह कि आपका बच्चा अस्वस्थ है।
पूरी नींद न लेना-
छोटे बच्चे शुरुआती दिनों मर 12 से 14 घंटे तक सोते है। यदि आपका बच्चा अपनी पूरी नींद नहीं लेता या बार बार नींद में उठ कर रोता है तो आपका बच्चा अस्वथ है उसे बुखार है
बुखार उतारने के घरेलु नुस्खे –
जब बच्चा बीमार होता है तो पूरा परिवार बहुत परेशान हो जा जाता है। बच्चे के होने से ही घर में रौनक होती है। हमारी दादी नानी जो पहले बच्चो को बच्चो को बहुत अच्छी तरह से संभालती थी। घर के किचन में से ही सारी बीमारियों का इलाज निकाल देती थी। पहले समय में हर गांव में अस्पताल कि सुबिधा उपलब्ध नहीं होती थी। बच्चे को एक गांव से दूसरे गाँव ले जाने में बहुत समय और परेशानी का सामना करना पड़ता था। जो हमारी दादी घर के किचन में से कुछ ही सामान से सारी बीमारी दूर कर देती थी। जो आज भी कारगर होती है
मुन्नका और खुकुक्ला
मुन्ना और खुकुला हमारे घर के किचन में मौजूद रहता है। मुन्नका का बीज निकाल कर उसमे खुकुला भर कर हल्का से गुनगुना का बच्चे को देने से बुखार उतर जाता है पर बच्चा थोड़ा बड़ा हो।
रुमाल से बुखार को झाड़ना –
जी हाँ आपने सही पढ़ा रुमाल से बुखार को झाड़ना जिससे बुखार एक दम कम हो जाता है। माँ को चाहिए बच्चे के दोनों हाथ से रुमाल कि सहायता से बुखार को झाड़ दे बैसे ही जैसे हाथ पर कोई चीज लगने से उसे साफ़ करते है । देखिएगा आपके बच्छड़े को तुरंत आराम मिलेगा
नारियल के तेल से मालिश करना –
छोटा बच्चे कि आप नारियल के तेल से तलवो पर मालिश कर उसे आराम पहुंचा सकते है
हल्दी वाला दूध –
हल्के गुनगुने दूध में हल्दी मिला कर आप अगर आप बच्चे को देते है जिससे बच्चे को बहुत आराम मिलता है।
तुलसी का काढ़ा –
तुलसी की ोोषधि है जिसमे बहुत ोोषधिये गन पाए जाते है। बच्चो को तुलसी का काढ़ा बना कर देने से बुखार में आराम मिलता है।